वो भला खामोश कैसे है अचानक आज क्यों
एक दूजे पर जो मरते हो गया नाराज क्यों
आती जाती रहती यादों का भरोसा क्या करें
बनके पागल वैसी यादों पर करें फिर नाज क्यों
साथ चलने की तमन्ना और सपने साथ के
छोड़कर मुझको अकेला बन गया परवाज क्यों
बेतकल्लुफ पास आना, हँसना, बतियाना बहुत
मिलतीं हैं आँखें नहींअब ओढ़ ली फिर लाज क्यों
तेरी मर्जी दिल को चाहे तोड़ दे या छोड़ दे
फिर सुमन दीवानगी में दे रहा आवाज क्यों
एक दूजे पर जो मरते हो गया नाराज क्यों
आती जाती रहती यादों का भरोसा क्या करें
बनके पागल वैसी यादों पर करें फिर नाज क्यों
साथ चलने की तमन्ना और सपने साथ के
छोड़कर मुझको अकेला बन गया परवाज क्यों
बेतकल्लुफ पास आना, हँसना, बतियाना बहुत
मिलतीं हैं आँखें नहींअब ओढ़ ली फिर लाज क्यों
तेरी मर्जी दिल को चाहे तोड़ दे या छोड़ दे
फिर सुमन दीवानगी में दे रहा आवाज क्यों
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