Sunday, May 20, 2018

ले मशाल फिर आना सीखो

सत्ता को हथियाना सीखो 
*****************
जग  में  ताना - बाना  सीखो
फिर तुम आग लगाना सीखो

गर दिखना है अलग सभी से
आपस  में  लड़वाना  सीखो

जब बिल्ली  झगड़े रोटी पर
बन्दर बन  के  खाना सीखो

जनता जाए  भले  भाड़  में
सत्ता  को  हथियाना सीखो

उम्मीदें   जो  आमलोग  की
वादों   में   भरमाना   सीखो

बात  चेतना  की  जो  करते
उसको  भी  मरवाना  सीखो

सुमन बनो तुम रक्तबीज-सा
ले मशाल फिर आना सीखो

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!