सत्ता को हथियाना सीखो
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जग में ताना - बाना सीखो
फिर तुम आग लगाना सीखो
गर दिखना है अलग सभी से
आपस में लड़वाना सीखो
जब बिल्ली झगड़े रोटी पर
बन्दर बन के खाना सीखो
जनता जाए भले भाड़ में
सत्ता को हथियाना सीखो
उम्मीदें जो आमलोग की
वादों में भरमाना सीखो
बात चेतना की जो करते
उसको भी मरवाना सीखो
सुमन बनो तुम रक्तबीज-सा
ले मशाल फिर आना सीखो




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