भले सभी आजाद चलें
लेकिन हमसब साथ चलें
इक साधन से रोजी रोटी
हाथों में रख हाथ चलें
सच कहने का आदी हूँ
रोज पहनता खादी हूँ
मन भरमाना लोगों का
वोटों का फरियादी हूँ
हर बातों का कारण है
कर ले बात निवारण है
पहले राम धरा पर या
आया पहले रावण है
मैं इतना मजबूर नहीं
पास तुम्हारे, दूर नहीं
तुम बिन सुमन खिले कैसे
फिर जीवन मंजूर नहीं
जो कहते खुद अच्छे हैं
जीवन में कुछ कच्चे हैं
सुमन देखता दुनिया जब
लगता हम सब बच्चे हैं
लेकिन हमसब साथ चलें
इक साधन से रोजी रोटी
हाथों में रख हाथ चलें
सच कहने का आदी हूँ
रोज पहनता खादी हूँ
मन भरमाना लोगों का
वोटों का फरियादी हूँ
हर बातों का कारण है
कर ले बात निवारण है
पहले राम धरा पर या
आया पहले रावण है
मैं इतना मजबूर नहीं
पास तुम्हारे, दूर नहीं
तुम बिन सुमन खिले कैसे
फिर जीवन मंजूर नहीं
जो कहते खुद अच्छे हैं
जीवन में कुछ कच्चे हैं
सुमन देखता दुनिया जब
लगता हम सब बच्चे हैं
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