छाया है सुर्खियों में कि इन्सान बन गया है
कातिल का आज कातिल मेहमान बन गया है
सपनों में खोये तारे, डर डर के चाँद कहता
लूटा जो चाँदनी को, अनजान बन गया है
भगवान पे भरोसा मंजूर चलन लेकिन
संतों का वेष धर के शैतान बन गया
अपना वतन बढ़ा जो इसमें सभी की कोशिश
सबको नकारा खुद से विद्वान बन गया है
ये वक्त क्या रुकेगा जागो सुमन अभी से
वरना कहेगी दुनिया नादान बन गया है
कातिल का आज कातिल मेहमान बन गया है
सपनों में खोये तारे, डर डर के चाँद कहता
लूटा जो चाँदनी को, अनजान बन गया है
भगवान पे भरोसा मंजूर चलन लेकिन
संतों का वेष धर के शैतान बन गया
अपना वतन बढ़ा जो इसमें सभी की कोशिश
सबको नकारा खुद से विद्वान बन गया है
ये वक्त क्या रुकेगा जागो सुमन अभी से
वरना कहेगी दुनिया नादान बन गया है
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