हम तो मालामाल हुए हैं
पर दिल से कंगाल हुए हैं
हुए तिरोहित भाव सुकोमल
लगता है टकसाल हुए हैं
बच्चे खातिर मातु पिता भी
अब जी का जंजाल हुए हैं
लाल हुए जिस लाल की खातिर
लाल वही अब लाल हुए हैं
मीठे बोल सुमन सुन पाए
लगता कितने साल हुए हैं
पर दिल से कंगाल हुए हैं
हुए तिरोहित भाव सुकोमल
लगता है टकसाल हुए हैं
बच्चे खातिर मातु पिता भी
अब जी का जंजाल हुए हैं
लाल हुए जिस लाल की खातिर
लाल वही अब लाल हुए हैं
मीठे बोल सुमन सुन पाए
लगता कितने साल हुए हैं
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