Saturday, May 29, 2021

हम करते रहे सवाल

हम करते रहे सवाल, नहीं  कुछ असर हुआ।
अब बहुजन हैं बेहाल, नहीं कुछ असर हुआ।।

घायल है जीवन देखो, बेबस घर-आँगन देखो।
सन्नाटा  है  मरघट  सा, संकट  में यौवन देखो।
लगता  जीवन  जंजाल, नहीं कुछ असर हुआ।
हम करते रहे सवाल -----

झूठों  के  ओढ़ लबादे, बस  करते  मीठे वादे।
जिसको  फैलाते उनके, वो पोसे - पाले प्यादे।
पूछो सच तभी बवाल, नहीं  कुछ असर हुआ।
हम करते रहे सवाल -----

बाँटा जिसने बस भाषण, न जाने करना शासन?
रोटी - पानी  का  टोटा, ये  कहते  कर योगासन।
नित  चले सियासी चाल, नहीं  कुछ असर हुआ।
हम करते रहे सवाल -----

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