कोरोना का जाल मुसाफिर
फैला है विकराल मुसाफिर
जीने खातिर खुद को रखना
हरदम रोज संभाल मुसाफिर
जीना भी जंजाल मुसाफिर
अस्पताल बेहाल मुसाफिर
चाल तंत्र की कछुए जैसी
रखता कौन मलाल मुसाफिर
कहीं चुनावी ताल मुसाफिर
धर्म कहीं भौकाल मुसाफिर
हालत विस्फोटक, सरकारें
बजा रहीं हैं गाल मुसाफिर
बुरा सभी का हाल मुसाफिर
रक्खे कौन खयाल मुसाफिर
बेबस से भी इस हालत में
लूट रहे कुछ माल मुसाफिर
बेहद संकट - काल मुसाफिर
चलो संभलकर चाल मुसाफिर
अभी चिकित्सा की दुनिया में
कितने भरे दलाल मुसाफिर
नहीं सुरक्षा टाल मुसाफिर
तभी बचेगी खाल मुसाफिर
साँसों खातिर प्राण - वायु का
बेहद अभी अकाल मुसाफिर
सरकारी टकसाल मुसाफिर
विवश और कंगाल मुसाफिर
ऐसी हालत हुई सुमन क्यों
बनता एक सवाल मुसाफिर
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