इधर चुनावी जंग सामने
दलदल में सारे दलबदलू
दिखा रहे हैं रंग सामने
अपने पहले दल की निन्दा
अजब सियासी ढंग सामने
जनसेवा में लोग सियासी
क्यों जनता अधनंग सामने
अब गारन्टी क्या वादों की
सबके सब बेरंग सामने
खुद को नेक बता दूजे पर
करते रहते व्यंग सामने
क्यों जन-जन में है चुप्पी ये
देख सुमन है दंग सामने
सादर
श्यामल सुमन
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