लोकतंत्र में और घाव कर
ध्वनिमत से अगला चुनाव कर
जो सवाल पूछे हैं तुम से
उसे डरा, उस पर दबाव कर
सदियों से जो मिलजुल रहते
इन सम्बन्धों में दुराव कर
पिछली सरकारी भूलों पर
गढ़ो तर्क, अपना बचाव कर
झड़ी लगा, अच्छे वादों की
रोटी, पानी का अभाव कर
चेहरा, चाल बचाना है तो
आमलोग से कुछ सुझाव कर
सुमन सदा दर्पण दिखलाता
दूर करो या फिर झुकाव कर
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