Sunday, October 18, 2009

प्रश्न अनूठा सामने

प्रश्न अनूठा सामने, क्या अपनी पहचान?
छुपे हुए संघर्ष में, सारे प्रश्न-निदान।।

कई समस्या सामने, कारण जाने कौन?
मिला न कारण आजतक, समाधान है मौन।।

बीज बनाये पेड़ को, पेड़ बनाये बीज।
परिवर्तन होता सतत, बदलेगी हर चीज।।

बारिश चाहे लाख हों, याद नहीं धुल पाय।
याद करें जब याद को, दर्द बढ़ाती जाय।।

सुख दुख दोनों में मजा, जो लेते हैं स्वाद।
डरना नहीं विवाद से, जीवन एक विवाद।।

आये कितने रूप में, भारत में भगवान।
नेता जो इन्सान है, रहते ईश समान।।

प्यार बसा संसार में, सांसारिक है प्यार।
बदल गया कुछ प्यार यूँ, सुमन करे व्यापार।।

23 comments:

रश्मि प्रभा... said...

bahut hi badhiyaa

Suman said...

pyaar basaa sansar me..... bahut behtar hai .aaj sabhi rachnaaye padi bahut sunder hai

vandana gupta said...

bahut sundar

परमजीत सिहँ बाली said...

सभी दोहे बहुत बढिया है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया दोहे है।
भइया दूज की शुभकामनाएँ!

M VERMA said...

प्यार बसा संसार में सांसारिक है प्यार।
ढ़ंग बदले जब प्यार का सुमन करे व्यापार।।
प्यार का जब व्यापार होगा
हर रिश्ता तार तार होगा

अजित गुप्ता का कोना said...

मानवता की बात हो, दूजों का सम्‍मान
बन जाए पहचान तब, मिले सभी का मान।

श्‍यामल जी दीपावली की शुभकामनाएं। श्रेष्‍ठ दोहों से परिचय कराने का आभार।

हेमन्त कुमार said...

चक्रारैव पंक्ति..!
आभार ।

राज भाटिय़ा said...

सभी दोहे एक से बढ कर एक, बहुत सुंदर .
धन्यवाद

ओम आर्य said...

BEHAD SUNDAR RACHANA!

मनोज कुमार said...

दोहे की हर पांत मे, सन्निहित सबरंग।
टिप्पणी प्रेषित करने का बड़ा निराला ढ़ंग।।
बड़ा निराला ढ़ंग, देख्र कर मन हर्षाया।
टिप्पणियों से भी अधिक दोहा सबको भाया।

Mishra Pankaj said...

बहुत सुन्दर सुमन जी नमस्कार

Syed said...

बहुत बढ़िया...

संगीता पुरी said...

टिप्‍पणियों में तो इन्‍हें अक्‍सर पढती रहती हूं .. ऐसे दोहे आप इतनी जल्‍दी में कैसे लिख लेते हैं ?

श्यामल सुमन said...

शुक्रिया आपका आपके प्यार का, आपके बीच ब्लागिंग में आता रहूँ।
भावना आपकी शब्द भी आपके, मैं सजाकर इसे बस सुनाता रहूँ।।

सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com

Anonymous said...

बहुत बढ़िया दोहे है।
"आओ खिलखिलाहट के खजाने लिखदें,
चलो यूं मुस्कुराते से जमाने लिखदें...."

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

बहुत बढिया आपने तो टिप्पणियों से ही दोहे लिख डाले

kshama said...

Dheere, dheere ab samay nikal ke aapka sampoorn blog padhna hai..gaur se...taiyyar ho jayen..jald hee amane samne hone...waise dar to mujhe lag raha hai, jab aap jaise diggaj kaa samna hoga!

Dr. Shreesh K. Pathak said...

भाई आप तो है आशुकवि ...बधाई है बधाई...

singamaraja said...

Singamaraja visiting your blog

संजय भास्‍कर said...

बहुत बढिया आपने तो टिप्पणियों से ही दोहे लिख डाले


बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.

SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

निर्झर'नीर said...

sundar ati sundar.

संतोष कुमार "प्यासा" said...

bahut hi achchee kavita

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