प्रश्न अनूठा सामने, क्या अपनी पहचान?
छुपे हुए संघर्ष में, सारे प्रश्न-निदान।।
कई समस्या सामने, कारण जाने कौन?
मिला न कारण आजतक, समाधान है मौन।।
बीज बनाये पेड़ को, पेड़ बनाये बीज।
परिवर्तन होता सतत, बदलेगी हर चीज।।
बारिश चाहे लाख हों, याद नहीं धुल पाय।
याद करें जब याद को, दर्द बढ़ाती जाय।।
सुख दुख दोनों में मजा, जो लेते हैं स्वाद।
डरना नहीं विवाद से, जीवन एक विवाद।।
आये कितने रूप में, भारत में भगवान।
नेता जो इन्सान है, रहते ईश समान।।
प्यार बसा संसार में, सांसारिक है प्यार।
बदल गया कुछ प्यार यूँ, सुमन करे व्यापार।।
छुपे हुए संघर्ष में, सारे प्रश्न-निदान।।
कई समस्या सामने, कारण जाने कौन?
मिला न कारण आजतक, समाधान है मौन।।
बीज बनाये पेड़ को, पेड़ बनाये बीज।
परिवर्तन होता सतत, बदलेगी हर चीज।।
बारिश चाहे लाख हों, याद नहीं धुल पाय।
याद करें जब याद को, दर्द बढ़ाती जाय।।
सुख दुख दोनों में मजा, जो लेते हैं स्वाद।
डरना नहीं विवाद से, जीवन एक विवाद।।
आये कितने रूप में, भारत में भगवान।
नेता जो इन्सान है, रहते ईश समान।।
प्यार बसा संसार में, सांसारिक है प्यार।
बदल गया कुछ प्यार यूँ, सुमन करे व्यापार।।
23 comments:
bahut hi badhiyaa
pyaar basaa sansar me..... bahut behtar hai .aaj sabhi rachnaaye padi bahut sunder hai
bahut sundar
सभी दोहे बहुत बढिया है।
बहुत बढ़िया दोहे है।
भइया दूज की शुभकामनाएँ!
प्यार बसा संसार में सांसारिक है प्यार।
ढ़ंग बदले जब प्यार का सुमन करे व्यापार।।
प्यार का जब व्यापार होगा
हर रिश्ता तार तार होगा
मानवता की बात हो, दूजों का सम्मान
बन जाए पहचान तब, मिले सभी का मान।
श्यामल जी दीपावली की शुभकामनाएं। श्रेष्ठ दोहों से परिचय कराने का आभार।
चक्रारैव पंक्ति..!
आभार ।
सभी दोहे एक से बढ कर एक, बहुत सुंदर .
धन्यवाद
BEHAD SUNDAR RACHANA!
दोहे की हर पांत मे, सन्निहित सबरंग।
टिप्पणी प्रेषित करने का बड़ा निराला ढ़ंग।।
बड़ा निराला ढ़ंग, देख्र कर मन हर्षाया।
टिप्पणियों से भी अधिक दोहा सबको भाया।
बहुत सुन्दर सुमन जी नमस्कार
बहुत बढ़िया...
टिप्पणियों में तो इन्हें अक्सर पढती रहती हूं .. ऐसे दोहे आप इतनी जल्दी में कैसे लिख लेते हैं ?
शुक्रिया आपका आपके प्यार का, आपके बीच ब्लागिंग में आता रहूँ।
भावना आपकी शब्द भी आपके, मैं सजाकर इसे बस सुनाता रहूँ।।
सादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत बढ़िया दोहे है।
"आओ खिलखिलाहट के खजाने लिखदें,
चलो यूं मुस्कुराते से जमाने लिखदें...."
बहुत बढिया आपने तो टिप्पणियों से ही दोहे लिख डाले
Dheere, dheere ab samay nikal ke aapka sampoorn blog padhna hai..gaur se...taiyyar ho jayen..jald hee amane samne hone...waise dar to mujhe lag raha hai, jab aap jaise diggaj kaa samna hoga!
भाई आप तो है आशुकवि ...बधाई है बधाई...
Singamaraja visiting your blog
बहुत बढिया आपने तो टिप्पणियों से ही दोहे लिख डाले
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
sundar ati sundar.
bahut hi achchee kavita
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