Friday, December 18, 2009

वही बात कहो

वो कहे रात अगर दिन को तो फिर रात कहो
लबों पे आ के जो रूक जाये वही बात कहो

है राज दिल में दफ्न जिसको बताना मुश्किल
छलक पड़े जो कि आँखों से तो सौगात कहो

बसाया दिल में जिसे वो भी बेवफा निकला
जो कुछ है प्यार सा इस दिल में तो जज्बात कहो

गया है दूर जो चंदा तो सिसकते तारे
यही तो अपनी वफा है कि मुलाकात कहो

बनाया मीत जो काँटों को तो मुश्किल जीना
अगर समझते सुमन, तो फिर हालात कहो

30 comments:

Kusum Thakur said...

"वफा किया ही नहीं वो, बसाया दिल में जिसे
बचा है प्यार अगर दिल में तो जज्बात कहो"

वाह सुमन जी मैं क्या कहूँ समझ में ही नहीं आ रहा है ! बहुत सुन्दर , लाजवाब बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ !!

डॉ टी एस दराल said...

बस मीत बना करके काँटों के साथ जीना
मससूस कर सुमन की हालात कहो

जीवन में भी कुछ ऐसा ही होता है।
अच्छी रचना, सुमन जी।

shikha varshney said...

खो करके चाँदनी में क्यों तारे भी रो पड़े
है हमसफर की कैसी मुलाकात कहो

wah ATISUNDER.

विनोद कुमार पांडेय said...

बहुत खूब कही आपने..अब हम भी ऐसे ही कहेंगे...बढ़िया गीत..धन्यवाद सुमन जी

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा शेर निकाले, वाह!

अजय कुमार झा said...

क्या बात है श्यामल जी ,
सब एक से बढ के एक सुंदर ...बहुत बढिया ...

Unknown said...

उम्दा ग़ज़ल.........
अभिनन्दन !

मनोज कुमार said...

अच्छी ग़ज़ल।

वन्दना अवस्थी दुबे said...

जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे.

स्वप्न मञ्जूषा said...

हैं राज दिल में कई कहना जिसे मुश्किल है
छलक पड़े जो ये आँखों से तो सौगात कहो

वफा किया ही नहीं वो, बसाया दिल में जिसे
बचा है प्यार अगर दिल में तो जज्बात कहो
sabhi sher ek se badh kar ek..
bahut hi lajwaab panktiyaan..

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर गजल. धन्यवाद

Chandan Kumar Jha said...

बहुत सुन्दर रचना । आभार

M VERMA said...

हैं राज दिल में कई कहना जिसे मुश्किल है
छलक पड़े जो ये आँखों से तो सौगात कहो
=====
ये जो सौगात हैं इन्हें यूँ न छलकाया करना
यादो की घनेरी छाँव मे तुम आया करना

Yogesh Verma Swapn said...

"वफा किया ही नहीं वो, बसाया दिल में जिसे
बचा है प्यार अगर दिल में तो जज्बात कहो"
behatareen.

वाणी गीत said...

काँटों के साथ जीना सुमन से हालत महसूस कर ...हमसफ़र साथ हो तो ...!!

Himanshu Pandey said...

बेहतरीन रचना । आभार ।

Dr. Shreesh K. Pathak said...

ओह सुमन जी वाह...!
बेहद सुंदर अभिव्यक्ति..मन गदगद हो गया है.
सुंदर..!

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर गजल. धन्यवाद

प्रवीण said...

.
.
.
"हैं राज दिल में कई कहना जिसे मुश्किल है
छलक पड़े जो ये आँखों से तो सौगात कहो"

वाह-वाह!

श्यामल सुमन said...

मिला है प्यार बहुत सबसे सुमन भी नाच उठा
अगर कहूँ नहीं आभार तो आघात कहो

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

निर्मला कपिला said...

हैं राज दिल में कई जिसको बताना मुश्किल
छलक पड़े यदि आँखों से तो सौगात कहो
"वफा किया ही नहीं वो, बसाया दिल में जिसे
बचा है प्यार अगर दिल में तो जज्बात कहो"
वाह लाजवाब । बहुत अच्छी रचना है बधाई

Prem said...

sunder bhav sunder kavita

Asha Joglekar said...

बहुत सुंदर शेरों वाली गज़ल ।

योगेन्द्र मौदगिल said...

Jai ho...achhi rachna...

Pawan Kumar said...

खो करके चाँदनी में तारे भी रो पड़े
हुई है कैसी हमसफर की मुलाकात कहो
वाह सुमन जी बहुत सुन्दर , बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ !!

Unknown said...

उम्दा ग़ज़ल,है राज दिल में दफ्न जिसको बताना मुश्किल
छलक पड़े जो कि आँखों से तो सौगात कहो

बसाया दिल में जिसे वो भी बेवफा निकला
जो कुछ है प्यार सा इस दिल में तो जज्बात कहो

Onkar said...

बहुत सुन्दर ग़ज़ल

Kailash Sharma said...

बसाया दिल में जिसे वो भी बेवफा निकला
जो कुछ है प्यार सा इस दिल में तो जज्बात कहो

....बहुत खूब...बहुत सुन्दर रचना..

कालीपद "प्रसाद" said...

.बहुत सुन्दर ग़ज़ल
नई पोस्ट :" अहंकार " http://kpk-vichar.blogspot.in

मेरा मन पंछी सा said...

awasome:-)

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