किसे खबर है अगले पल की
सबको फिर भी चिन्ता कल की
जिसने जंग लड़ी न अब तक
महिमा गाते खुद के बल की
देख हकीकत आँखें छलकीं
बात बड़े भी करते छल की
जिसे कभी न मिली सफलता
फिर क्या चर्चा उस कौशल की
जिन आँखों में तनिक न पानी
बात करे वो भी काजल की
दुनियावाले घायल फिर भी
न जाने क्यूँ गति घायल की
क्या शब्दों का खेल सुमन या
महसूसो क्या बात गजल की
19 comments:
श्यामल जी
चिरंजीव भवः सदा सुखी रहो
हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की
बहुत ही गजब का सत्य स्टीक डंका
श्यामल जी , बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने -यथार्थ को दर्शाती हुई . असहमति का तो प्रश्न ही नहीं.
साधु वाद !
अजब ये दुनिया है घायल भी
फिर भी न सोचे घायल की
यह शब्दों का खेल नहीं पर
सुमन सत्य है कथ्य गज़ल की
..bahut badiya prastuti..
सुंदर कविता
बेहतरीन ग़ज़ल।
किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
लड़ी न कोई जंग अभी तक
महिमा गाते खुद के बल की
ज़िन्दगी की सच्चाइयाँ उधेड दी हैं…………बेहद शानदार गज़ल्।
हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की
जिसे कभी न मिली सफलता
फिर क्यों चर्चा निज-कौशल की
Aah! Yahee aaj kaa saty hai! Kamaal kee panktiyan hain!
वाह बहुत सुंदर गजल जी, धन्यवाद
सच्चाई को कहती उम्दा गज़ल ..
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
कवि श्यामल सुमन जी की आज्ञा से अनुसरण
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गुड्डोदादी (:)बहुत ही गजब का सत्य स्टीक
सुंदर भाव भाव भरी कविता लिखने की कला
आशीर्वाद के साथ
आपकी गुड्डो दादी चिकागो सेseconds agodabang dabangbahut achhi kavita heseconds agoPriyanka Bharatiकिसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की dhanyawad dadi bahut achi kavita hhhseconds ago
Kapil..Photo JOURNALIST.."BJC"किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
kya baat hai dadi maa......isse bada sach kuch nahi hai....
बहुत ही सार्थक एवं यथार्थपरक रचना सुमन जी ! आज बहुत दिनों के बाद आपकी रचना का रसास्वादन करने का सुअवसर मिला है ! बहुत बहुत धन्यवाद एवं शुभकामनायें !
shandar gazal
ek se badhkar ek sha'r
---- sahityasurbhi.blogspot.com
Priyanka Bharatiकिसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की dhanyawad dadi bahut achi kavita hhhseconds agoAvinash S Ramdevgana yad aa raha hai na sar jhuka ke jio
line hai na jane kaon sa pal maut ki amanat ho................................
dadi maja aa gaya aap ki panktiya pad karseconds agoगुड्डोदादी (:)अविनाश सुपुत्र
आशीर्वाद
कविता कवि श्यामल सुमन जी की है अनुमति से अनुसरण की है ऑरकुट पर
१९६० के बाद लिखना छोड़ दियाseconds agoKapil..Photo JOURNALIST.."BJC"किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
kya baat hai dadi maa......isse bada sach kuch nahi hai....seconds agoDESH MERA GREAT-INDIA"समाज की बर्बादी चौर -उचक्कों की
करतूतों से उतनी नहीं होती ,जतनी की अच्छे लोगो के निकम्मेपन
{Inactivity}से होती है , केसा विरोधाभास {Paradox}है !!! अगर अच्छे लोग
निक्कमे बन कर बर्बादी सहते है ,तो वे अच्छे केसे हो सकते हैं
...........??????
सवाल यहाँ हैं की वे आपनी सामाजिक जुमेदारी निभा रहे हैं ...........???????
बुराई के जड़ ज़माने के लिए इतना कफ्ही हैं की अच्छे लोग कुछ न करे ,और बुराई जड़ पकड़ लेगी ....!!!!! {आशीष शुभ }seconds agoRead full reply
ज्योति डांग..... जिन्दगी दोस्त है .wah dadi maa aapki kalm mein bahut dam hai maan gae aapkoseconds agobanwari azadnewsbahut hi sundar dadiseconds agoReplyEveryone left this conversation. Replies will only show up in your own profile.
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kishor kumar khorendra.KAVI-seconds ago-
किशोर कुमार खोरेन्द्र कलकता से
nice poem .......mam ......
किशोर जी कलकता से संजीव वर्मा जी के शब्द कविता पर
sashakt rachna badhaee.
गुड्डो दादी का आशीर्वाद संजीव भाई जी को
नन्हे बिटवा भाई
चिरंजीव भवः
बहू जी को सदा सुहागन और बच्चों को दादी का आशीर्वाद कहें
टिप्पणी के लिए धन्यवाद
इस श्रेय के अधिकारी कवि बेटा श्यामल सुमन जी हैं
अनुमति से कविता का ऑरकुट पर अनुसरण
मन तक पहुँच अपनी तीक्षणता से इसे झकझोर जाने वाले सभी के सभी शेर...
कितना सही कहा है आपने...
बहुत बहुत लाजवाब ग़ज़ल भाई जी...
लाजवाब !!!
हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की
उम्दा गज़ल .....
bahut sunder kavita hai aapki
..adbhut
आदरणीय श्यामल सुमन जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
अच्छी ग़ज़ल कही है , बधाई !
किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
पूरी रचना अच्छी है ।
( बस, कथ्य और छल जैसे पुल्लिंग शब्दों का स्त्रीलिंगकरण हो गया है … :) )
♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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