Saturday, February 19, 2011

बात बड़े भी करते छल की

किसे  खबर  है  अगले  पल की
सबको फिर भी चिन्ता कल की

जिसने  जंग  लड़ी  न अब तक
महिमा  गाते  खुद  के  बल की

देख  हकीकत  आँखें  छलकीं
बात  बड़े  भी  करते  छल  की

जिसे  कभी  न मिली सफलता
फिर क्या चर्चा उस कौशल की

जिन आँखों  में तनिक न पानी
बात  करे  वो  भी  काजल  की

दुनियावाले   घायल   फिर  भी
न  जाने  क्यूँ  गति  घायल  की

क्या  शब्दों  का खेल सुमन या 
महसूसो  क्या  बात गजल की

19 comments:

गुड्डोदादी said...

श्यामल जी
चिरंजीव भवः सदा सुखी रहो

हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की

बहुत ही गजब का सत्य स्टीक डंका

aarkay said...

श्यामल जी , बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने -यथार्थ को दर्शाती हुई . असहमति का तो प्रश्न ही नहीं.
साधु वाद !

कविता रावत said...

अजब ये दुनिया है घायल भी
फिर भी न सोचे घायल की

यह शब्दों का खेल नहीं पर
सुमन सत्य है कथ्य गज़ल की
..bahut badiya prastuti..

एस एम् मासूम said...

सुंदर कविता

मनोज कुमार said...

बेहतरीन ग़ज़ल।

vandana gupta said...

किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की

लड़ी न कोई जंग अभी तक
महिमा गाते खुद के बल की

ज़िन्दगी की सच्चाइयाँ उधेड दी हैं…………बेहद शानदार गज़ल्।

kshama said...

हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की

जिसे कभी न मिली सफलता
फिर क्यों चर्चा निज-कौशल की
Aah! Yahee aaj kaa saty hai! Kamaal kee panktiyan hain!

राज भाटिय़ा said...

वाह बहुत सुंदर गजल जी, धन्यवाद

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सच्चाई को कहती उम्दा गज़ल ..

गुड्डोदादी said...

सादर
श्यामल सुमन
09955373288

कवि श्यामल सुमन जी की आज्ञा से अनुसरण

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गुड्डोदादी (:)बहुत ही गजब का सत्य स्टीक
सुंदर भाव भाव भरी कविता लिखने की कला
आशीर्वाद के साथ
आपकी गुड्डो दादी चिकागो सेseconds agodabang dabangbahut achhi kavita heseconds agoPriyanka Bharatiकिसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की dhanyawad dadi bahut achi kavita hhhseconds ago

गुड्डोदादी said...

Kapil..Photo JOURNALIST.."BJC"किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
kya baat hai dadi maa......isse bada sach kuch nahi hai....

Sadhana Vaid said...

बहुत ही सार्थक एवं यथार्थपरक रचना सुमन जी ! आज बहुत दिनों के बाद आपकी रचना का रसास्वादन करने का सुअवसर मिला है ! बहुत बहुत धन्यवाद एवं शुभकामनायें !

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

shandar gazal
ek se badhkar ek sha'r

---- sahityasurbhi.blogspot.com

गुड्डोदादी said...

Priyanka Bharatiकिसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की dhanyawad dadi bahut achi kavita hhhseconds agoAvinash S Ramdevgana yad aa raha hai na sar jhuka ke jio

line hai na jane kaon sa pal maut ki amanat ho................................
dadi maja aa gaya aap ki panktiya pad karseconds agoगुड्डोदादी (:)अविनाश सुपुत्र
आशीर्वाद
कविता कवि श्यामल सुमन जी की है अनुमति से अनुसरण की है ऑरकुट पर
१९६० के बाद लिखना छोड़ दियाseconds agoKapil..Photo JOURNALIST.."BJC"किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की
kya baat hai dadi maa......isse bada sach kuch nahi hai....seconds agoDESH MERA GREAT-INDIA"समाज की बर्बादी चौर -उचक्कों की
करतूतों से उतनी नहीं होती ,जतनी की अच्छे लोगो के निकम्मेपन
{Inactivity}से होती है , केसा विरोधाभास {Paradox}है !!! अगर अच्छे लोग
निक्कमे बन कर बर्बादी सहते है ,तो वे अच्छे केसे हो सकते हैं
...........??????

सवाल यहाँ हैं की वे आपनी सामाजिक जुमेदारी निभा रहे हैं ...........???????

बुराई के जड़ ज़माने के लिए इतना कफ्ही हैं की अच्छे लोग कुछ न करे ,और बुराई जड़ पकड़ लेगी ....!!!!! {आशीष शुभ }seconds agoRead full reply
ज्योति डांग..... जिन्दगी दोस्त है .wah dadi maa aapki kalm mein bahut dam hai maan gae aapkoseconds agobanwari azadnewsbahut hi sundar dadiseconds agoReplyEveryone left this conversation. Replies will only show up in your own profile.
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गुड्डोदादी said...

kishor kumar khorendra.KAVI-seconds ago-

किशोर कुमार खोरेन्द्र कलकता से
nice poem .......mam ......
किशोर जी कलकता से संजीव वर्मा जी के शब्द कविता पर
sashakt rachna badhaee.
गुड्डो दादी का आशीर्वाद संजीव भाई जी को
नन्हे बिटवा भाई
चिरंजीव भवः
बहू जी को सदा सुहागन और बच्चों को दादी का आशीर्वाद कहें
टिप्पणी के लिए धन्यवाद
इस श्रेय के अधिकारी कवि बेटा श्यामल सुमन जी हैं
अनुमति से कविता का ऑरकुट पर अनुसरण

रंजना said...

मन तक पहुँच अपनी तीक्षणता से इसे झकझोर जाने वाले सभी के सभी शेर...

कितना सही कहा है आपने...

बहुत बहुत लाजवाब ग़ज़ल भाई जी...
लाजवाब !!!

http://anusamvedna.blogspot.com said...

हाल देखकर आँखें छलकी
आज बड़ा वह जिसने छल की

उम्दा गज़ल .....

deepti sharma said...

bahut sunder kavita hai aapki
..adbhut

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

आदरणीय श्यामल सुमन जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

अच्छी ग़ज़ल कही है , बधाई !
किसे खबर है अगले पल की
फिर भी सबको चिन्ता कल की


पूरी रचना अच्छी है ।

( बस, कथ्य और छल जैसे पुल्लिंग शब्दों का स्त्रीलिंगकरण हो गया है … :) )

♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार

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