सोने की चिड़िया कभी, अपना भारत देश।
अब के जो हालात हैं, सुमन हृदय में क्लेश।।
मँहगी रोटी हो रही, लेकिन सस्ती कार।
यही प्रगित की माप है, समझाती सरकार।।
भूखे हैं बहुजन यहाँ, उनके छत आकाश।
संकट में सब खो रहे, जीने का विश्वास।।
देख क्रिकेटर को मिले, रुपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए, हाल दुखद बेजोड़।।
प्रायः सब कहते सफल, अन्ना का अभियान।
असल काम तो शेष है, भ्रष्टों की पहचान।।
अब के जो हालात हैं, सुमन हृदय में क्लेश।।
मँहगी रोटी हो रही, लेकिन सस्ती कार।
यही प्रगित की माप है, समझाती सरकार।।
भूखे हैं बहुजन यहाँ, उनके छत आकाश।
संकट में सब खो रहे, जीने का विश्वास।।
देख क्रिकेटर को मिले, रुपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए, हाल दुखद बेजोड़।।
प्रायः सब कहते सफल, अन्ना का अभियान।
असल काम तो शेष है, भ्रष्टों की पहचान।।
11 comments:
"मँहगी रोटी - सस्ती कार" बहुत अच्छी रचना,
कम शब्दों में ज्यादा कहने का प्रयास,
अति सुन्दर..
असल काम तो शेष है भ्रष्टों की पहचान।।
यथार्थ ।
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।
देख क्रिकेटर को मिले रूपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए हाल दुखद बेजोड़।।
बहुत अच्छा।
देख क्रिकेटर को मिले रूपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए हाल दुखद बेजोड़।।
आप की कविता की एक एक लाईन सत्य हे , बहुत सुंदर कविता, धन्यवाद
AAJ KE JAMANE KA SACH SAMNE LAYEN HAIN AAP. NICE POEM. DHANYWAD
दिशा यही तो खलती है।
देख क्रिकेटर को मिले रूपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए हाल दुखद बेजोड़।।
मन कितना क्षुब्ध होता है यह स्थिति देखकर शब्दों में बताना कठिन है...
सार्थक रचना भाई जी...
भूखे हैं बहुजन यहाँ उनके छत आकाश।
संकट में सब खो रहे जीने का विश्वास।।
दो टूक मिल जाएँ प्याज के साथ
समझो फिर जीना नहीं दुशवार
देख क्रिकेटर को मिले रूपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए हाल दुखद बेजोड़।।
हम सभी जायेंगे यहीं छोड़
सभी दोहे बेहतरीन।
आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है .बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
असल काम तो शेष है भ्रष्टों की पहचान।। बहुत ही उम्दा रचना !!
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