रोकने से क्या रुकेंगे, प्यार के जज्बात दिल में
वो घड़ी मुश्किल सही पर, कह उसे जो बात दिल में
वो घड़ी मुश्किल सही पर, कह उसे जो बात दिल में
नैन समझे जब इशारे, क्यूँ भला तुम दर्द सहती
बाँट लेगा वो खुशी से, दर्द की सौगात दिल में
बाँट लेगा वो खुशी से, दर्द की सौगात दिल में
भाव सच्चा दिल में लेकर, सामने वो सर झुकाये
कह दो खुल के क्यूँ हो विह्वल, दो नहीं आघात दिल में
कह दो खुल के क्यूँ हो विह्वल, दो नहीं आघात दिल में
मानता नाजुक घड़ी है, कर पहल अपनी तरफ से
आँख के बदले में उसके, है शुरू बरसात दिल में
तोड़ कर के बेड़ियाँ सब, मुस्कुरा चाहत मेरी हैआँख के बदले में उसके, है शुरू बरसात दिल में
स्वप्न में सजते सुमन, और याद की बारात दिल में
7 comments:
sunder gazal.
प्यारी रचना के लिए आभार !
बहुत सुन्दर रचना ...
excellent...!!
khilkhilati hui rachna....
बड़ी ही कोमल रचना।
" नैन समझे जब इशारे, क्यूँ भला तुम दर्द सहती
बाँट लेगा वो खुशी से, दर्द की सौगात दिल में
damdaar rachana sir
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