Saturday, June 11, 2011

प्यार के जज्बात दिल में

रोकने से क्या रुकेंगे, प्यार के जज्बात दिल में
वो घड़ी मुश्किल सही पर, कह उसे जो बात दिल में

नैन समझे जब इशारे, क्यूँ भला तुम दर्द सहती
बाँट लेगा वो खुशी से, दर्द की सौगात दिल में

भाव सच्चा दिल में लेकर, सामने वो सर झुकाये
कह दो खुल के क्यूँ हो विह्वल, दो नहीं आघात दिल में

मानता नाजुक घड़ी है, कर पहल अपनी तरफ से
आँख के बदले में उसके, है शुरू बरसात दिल में

तोड़ कर के बेड़ियाँ सब, मुस्कुरा चाहत मेरी है
स्वप्न में सजते सुमन, और याद की बारात दिल में

7 comments:

Anupama Tripathi said...

sunder gazal.

Satish Saxena said...

प्यारी रचना के लिए आभार !

समयचक्र said...

बहुत सुन्दर रचना ...

***Punam*** said...

excellent...!!

सु-मन (Suman Kapoor) said...

khilkhilati hui rachna....

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़ी ही कोमल रचना।

SACCHAI said...

" नैन समझे जब इशारे, क्यूँ भला तुम दर्द सहती
बाँट लेगा वो खुशी से, दर्द की सौगात दिल में

damdaar rachana sir

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