Tuesday, January 10, 2012

चेहरे पे मुस्कान

ओ प्रीतम ! ले के आ जा, चेहरे पे मुस्कान।
देहरी पे आस लगाये बैठी, आओ ना श्रीमान।
चहरे पे मुस्कान।।

तुमसे प्रीत लगी जब साजन, तेरे संग मैं आई।
मजबूरी में दूर हुए तुम, लगती प्रीत पराई।
देर करोगे, अब साजन तो लोगे मेरी जान।
चेहरे पे मुस्कान।।

तुम क्या जानो तुम बिन कैसे, वक्त हमारा बीता।
दिल में थी चाहत कि तुम संग, बन के जाऊँ सीता।
विरहन कि पीड़ा को कब तुम, समझोगे नादान।
चेहरे पे मुस्कान।।

मन की बातें चिट्ठी में सब, लिख न पाये कोई।
याद तुम्हारी जब जब आती, चुपके चुपके रोई।
आओ हार सुमन पहना दूं, पूरे हों अरमान।
चेहरे पे मुस्कान।।

ओ प्रीतम ! ले के आ जा, चेहरे पे मुस्कान।
देहरी पे आस लगाये बैठी, आओ ना श्रीमान।
चेहरे पे मुस्कान।।

13 comments:

kshama said...

Bahut,bahut sundar!

नीला झा said...

तुमसे प्रीत लगी जब साजन, तेरे संग मैं आई।
मजबूरी में दूर हुए तुम, लगती प्रीत पराई।

प्यार की प्यास यही इक याद जीने की आस

नन्हों said...

मन की बातें चिट्ठी में सब, लिख न पाये कोई।
याद तुम्हारी जब जब आती, चुपके चुपके रोई।

बहुत ही गजब दार

प्रवीण पाण्डेय said...

वाह बस यही मुस्कान बनी रहे।

Rachana said...

मन की बातें चिट्ठी में सब, लिख न पाये कोई।
याद तुम्हारी जब जब आती, चुपके चुपके रोई।
आओ हार सुमन पहना दूं, पूरे हों आरमान।
चेहरे पे मुस्कान।।
sunder panktiyan
badhai
rachana

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद

बहुत सुंदर रचना बधाई

M VERMA said...

आओ हार सुमन पहना दूं, पूरे हों आरमान।
यादों के सुमन और एहसास की खुशबू

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया सर!


सादर

Yashwant R. B. Mathur said...

आपको लोहड़ी की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
----------------------------
कल 13/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

vidya said...

सुन्दर....
शुभकामनाएँ.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मुस्कान के साथ इंतज़ार ..सुन्दर रचना

prritiy----sneh said...

aise manuhar ko padh kar pritam ke chehre par muskaan ye aai ke vo aai.

achhi rachna.

shubhkamnayen

कौशल किशोर said...

श्यामल जी पहले तो लोहड़ी और मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें.....
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ....
बढ़िया लिखा बधाई...

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