Friday, June 1, 2012

पूछो तो भगवान है क्या

समझदार की भीड़ सामने एक सुमन नादान है क्या
मन्दिर मस्जिद गिरिजाघर में पूछो तो भगवान है क्या

पालनहार वही जब सबका मरते भूखे लोग कई
बेबस होकर सोच रहा मन ये उनकी सन्तान है क्या

दरगाहों में या मन्दिर में लाखों लोग किनारे हैं
बड़े लोग के स्वागत में सब, भगवन का मेहमान है क्या

कुछ नाकाबिल लोगों को भी प्रायोजित सम्मान मिले
ऐसे लोगों को दुनिया में मिल पाती पहचान है क्या

होते जोड़ घटाव हमेशा पाप पुण्य परिमाणों में
सत्कर्मों से हटकर लगता जीवन इक दुकान है क्या

8 comments:

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद

पालनहार वही जब सबका मरते भूखे लोग कई
बेबस होकर सोच रहा मन ये उनकी सन्तान है क्या
अश्रुपूर्ण

भूखे निर्धन की रोटी कपडे से सहायता करें
धन से तिजोरियां भर साथ कोई ले जाता है क्या

प्रवीण पाण्डेय said...

ऐसे लोगों को दुनिया में मिल पाती पहचान है क्या


इस समय का वबुत बड़ा सच..

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

☺☺

शिवम् मिश्रा said...

बहुत खूब ...

इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - कहीं छुट्टियाँ ... छुट्टी न कर दें ... ज़रा गौर करें - ब्लॉग बुलेटिन

Madan Mohan Saxena said...

वाह बहुत खूबसूरत अहसास हर लफ्ज़ में आपने भावों की बहुत गहरी अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है... बधाई आपको... सादर वन्दे
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/

Madan Mohan Saxena said...

वाह बहुत खूबसूरत अहसास हर लफ्ज़ में आपने भावों की बहुत गहरी अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है... बधाई आपको... सादर वन्दे
http://madan-saxena.blogspot.in/
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Sunil Shukla said...

बेहतरीन पंक्तिया
साधुवाद🙏🏼

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