Sunday, August 19, 2012

कैसा हुआ समाज

ताकत जीने की मिले, वैसा दुख स्वीकार।
यह जीवन संघर्ष से, खुद पाता विस्तार।।

दुख ही बतलाता हमें, सुख के पल अनमोल।
मुँह में पानी, आँवला, लगता मिश्री-घोल।।

जामुन-सा तन रंग पर, हृदय चाँद का वास।
आकर्षक चेहरा लगे, पसरे स्वयं सुवास।।

जीवन परिभाषित नहीं, अलग सभी के रंग।
करते परिभाषित सभी, सबके अपने ढंग।।

मातम जहाँ पड़ोस में, सुन शहनाई आज।
हृदय यकायक रो पड़ा, कैसा हुआ समाज।।

चाहत सारे सुख मिले, मिहनत से परहेज।
शायद ऐसे लोग ही, माँगे आज दहेज।।
 
लेखन में अक्सर सुमन, अनुभव का गुणगान।
गम-खुशियों की चासनी, साहित्यिक मिष्ठान।।

9 comments:

गुड्डोदादी said...


मातम जहाँ पड़ोस में, सुन शहनाई आज।
हृदय सुमन का रो पड़ा, कैसा हुआ समाज।।


विहल
कौन किसी के आंसूं पौंछे

हर कोई अपना सुख सोचे |

RITU BANSAL said...

बहुत सुन्दर..

Anonymous said...

पता नहीं क्या से क्या हो गया..

Rajesh Kumari said...

आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल २१/८/१२ को http://charchamanch.blogspot.in/ पर चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है

kshama said...

Eid mubarak ho!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

दुख ही बतलाता हमें, सुख के पल अनमोल।
मुँह सुमन जब आँवला, पानी, मिश्री-घोल।।

Bahut Badhiya PAnktiyan

विभूति" said...

bhaut hi acchi....

Onkar said...

बहुत सुन्दर दोहे

Poetry diva said...

Bhut achha kha

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
रचना में विस्तार
साहित्यिक  बाजार  में, अलग  अलग  हैं संत। जिनको  आता  कुछ  नहीं, बनते अभी महंत।। साहित्यिक   मैदान   म...
अन्ध-भक्ति है रोग
छुआछूत  से  कब  हुआ, देश अपन ये मुक्त?  जाति - भेद  पहले  बहुत, अब  VIP  युक्त।। धर्म  सदा  कर्तव्य  ह...
गन्दा फिर तालाब
क्या  लेखन  व्यापार  है, भला  रहे  क्यों चीख? रोग  छपासी  इस  कदर, गिरकर  माँगे  भीख।। झट  से  झु...
मगर बेचना मत खुद्दारी
यूँ तो सबको है दुश्वारी एक तरफ  मगर बेचना मत खुद्दारी एक तरफ  जाति - धरम में बाँट रहे जो लोगों को  वो करते सचमुच गद्दारी एक तरफ  अक्सर लो...
लेकिन बात कहाँ कम करते
मैं - मैं पहले अब हम करते  लेकिन बात कहाँ कम करते  गंगा - गंगा पहले अब तो  गंगा, यमुना, जमजम करते  विफल परीक्षा या दुर्घटना किसने देखा वो...
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!