प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिए
और समय पर आईना खुद को दिखाना चाहिए
जिन्दगी की राह में बेखौफ चलने का मज़ा
पास गिर जाए कोई उसको उठाना चाहिए
कैद कोई कर सका ना रौशनी को अबतलक
बुझ गए दीपों को दीपक से जलाना चाहिए
भूल हो जाए बुजुर्गों से अगर कुछ भूल से
गौर उन भूलों पे न कर भूल जाना चाहिए
है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
और समय पर आईना खुद को दिखाना चाहिए
जिन्दगी की राह में बेखौफ चलने का मज़ा
पास गिर जाए कोई उसको उठाना चाहिए
कैद कोई कर सका ना रौशनी को अबतलक
बुझ गए दीपों को दीपक से जलाना चाहिए
भूल हो जाए बुजुर्गों से अगर कुछ भूल से
गौर उन भूलों पे न कर भूल जाना चाहिए
है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
15 comments:
सकरात्मक सोच देती ....प्रबल सुंदर रचना ...
शुभकामनायें श्यामल जी ..
जिन्दगी की राह में बेखौफ चलने का मज़ा
पास गिर जाए कोई उसको उठाना चाहिए
मानवता झलकती है कविता में
शुभ कामनाएं
निसन्देह ही अच्छे दिन आयेंगे..
बहुत बढ़िया...
bahut hi positive thinking....
प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिये सपनो की दौलत है प्यार मिलकर रहना चाइये
कैद कोई कर सका ना रौशनी को अबतलक
बुझ गए दीपों को दीपक से जलाना चाहिए
बच्चन याद आए
है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
..सच मुस्कराता इंसान ही भला लगता है ....जिंदगी का वैसे भी आजकल कोई भरोसा नहीं रहा ...
बहुत सुन्दर रचना
saarthak soch
saarthak soch
आज 28/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
बहुत खूबसूरत गजल .... मन को सुकून देती हुई
बेहद खूबसूरत ज़ज्बात ...
भूल हो जाए बुजुर्गों से अगर कुछ भूल से
गौर उन भूलों पे न कर भूल जाना चाहिए
है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
Behad sundar panktiyan!
वाह वाह क्या बात है , खुबसूरत ग़ज़ल
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