Saturday, August 25, 2012

इक बहाना चाहिए

प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिए
और समय पर आईना खुद को दिखाना चाहिए

जिन्दगी की राह में बेखौफ चलने का मज़ा
पास गिर जाए कोई उसको उठाना चाहिए

कैद कोई कर सका ना रौशनी को अबतलक
बुझ गए दीपों को दीपक से जलाना चाहिए

भूल हो जाए बुजुर्गों से अगर कुछ भूल से
गौर उन भूलों पे न कर भूल जाना चाहिए

है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए

15 comments:

Anupama Tripathi said...

सकरात्मक सोच देती ....प्रबल सुंदर रचना ...
शुभकामनायें श्यामल जी ..

गुड्डोदादी said...


जिन्दगी की राह में बेखौफ चलने का मज़ा
पास गिर जाए कोई उसको उठाना चाहिए

मानवता झलकती है कविता में
शुभ कामनाएं

प्रवीण पाण्डेय said...

निसन्देह ही अच्छे दिन आयेंगे..

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया...

Dr.NISHA MAHARANA said...

bahut hi positive thinking....

नीला झा said...

प्यार मुमकिन है सभी से इक बहाना चाहिये सपनो की दौलत है प्यार मिलकर रहना चाइये

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...


कैद कोई कर सका ना रौशनी को अबतलक
बुझ गए दीपों को दीपक से जलाना चाहिए


बच्‍चन याद आए

कविता रावत said...

है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
..सच मुस्कराता इंसान ही भला लगता है ....जिंदगी का वैसे भी आजकल कोई भरोसा नहीं रहा ...
बहुत सुन्दर रचना

अजय कुमार said...

saarthak soch

अजय कुमार said...

saarthak soch

Yashwant R. B. Mathur said...

आज 28/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत गजल .... मन को सुकून देती हुई

Anju (Anu) Chaudhary said...

बेहद खूबसूरत ज़ज्बात ...

kshama said...

भूल हो जाए बुजुर्गों से अगर कुछ भूल से
गौर उन भूलों पे न कर भूल जाना चाहिए

है अमावस आज तो कल रात पूनम चाँदनी,
सोचकर ऐसा सुमन को मुस्कुराना चाहिए
Behad sundar panktiyan!

अरुन अनन्त said...

वाह वाह क्या बात है , खुबसूरत ग़ज़ल

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