भूख लिखेंगे प्यास लिखेंगे
जो जैसा इतिहास लिखेंगे
लोग समझ ले आसानी से
बातें वैसी खास लिखेंगे
टूट रहे, हरपल लोगों में
आपस का विश्वास लिखेंगे
भोग रही जो बारह आने
जनता का संत्रास लिखेंगे
ये हालात बनाये जिसने
उसका भी उपहास लिखेंगे
आएगा इक नया सबेरा
है लोगों में आस लिखेंगे
नयी चेतना लाने खातिर
सबका सुमन प्रयास लिखेंगे
जो जैसा इतिहास लिखेंगे
लोग समझ ले आसानी से
बातें वैसी खास लिखेंगे
टूट रहे, हरपल लोगों में
आपस का विश्वास लिखेंगे
भोग रही जो बारह आने
जनता का संत्रास लिखेंगे
ये हालात बनाये जिसने
उसका भी उपहास लिखेंगे
आएगा इक नया सबेरा
है लोगों में आस लिखेंगे
नयी चेतना लाने खातिर
सबका सुमन प्रयास लिखेंगे
8 comments:
कल 13/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
सरल , सुंदर मगर बहुत प्रभाव छोडने वाली श्यामल जी । बहुत ही उम्दा
बेहतरीन.
सुन्दर भाव जगाती बेहतरीन रचना..
:-)
बहुत सुन्दर व शालीन रचना , बहुत बढ़िया श्यामल भाई
नया प्रकाशन --: जानिये क्या है "बमिताल"?
छोटी बहर के प्रभावी शेर ... उम्दा गज़ल ...
सरलता से समझ आने वाली हर बात लिखेगें
आपने रचना के प्रचार प्रसार हेतु प्रयास किया यशवन्त यश जी - हार्दिक धन्यवाद। आप सबकी प्रतिक्रियायें प्रेरक और उत्साहवर्धक है - हार्दिक धन्यवाद अजय कुमार झा जी, अमित चन्द्रा जी, आशीष जी, दिगम्बर नासवा जी, अंजू चौधरी जी
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