Tuesday, March 3, 2015

READER होता GREAT

घटिया   खाना,  गन्दगी, TRAIN  चले  नित  LATE।
फिर लोगों में HOPE क्यों, निकले TRAIN BULLET।।

मँहगाई    सुरसा     बनी,   बढ़ती     जाती     RATE।
रोटी    शायद    ना   मिले,    मिले    मुफ्त   में   NET।।

RATE  बढ़ा  हर  चीज  का, घटा  MAN का RATE।
बिके  जिस्म  हर  RATE  पर,  लगी  आग   जब  पेट।।

जो  OPPOSE  में  आजञ तक, कल  हो  जाते SET।
इसी   तरह  LEADER  करे,  PEOPLE  का  आखेट।।

जहाँ   EMOTION  जो   हुआ,  कर  देता  UPDATE।
WRITER से ज्यादा सुमन, READER होता GREAT।।

4 comments:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5-3-2015 को चर्चा मंच पर हम कहाँ जा रहे हैं { चर्चा - 1908 } पर दिया जाएगा
धन्यवाद

प्रतिभा सक्सेना said...

हिंगलिश English जोड़ कर बुना ताफ़्ता रंग,
सुमन,मसखरी कर रहे तुम दोहों के संग .

Jyoti Dehliwal said...

मंहगाई सुरसा बनी, बढती जाती Rate
रोटी शायद ना मिले, मिले मुफ्त में Net
बहुत बढ़िया...सुमन जी.

harish yaduvanshi said...

भाषा चाहे जो भी हो , अपनी हिंदी ग्रेट

बढ़ कर आलिंगन करे, उर में लेइ समेट ।।

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