गीत गाते रहे गुनगुनाते रहे
याद करके तुम्हें मुस्कुराते रहे
तेरे सपने सभी मेरे अपने हुए
जिन्हें आँखों में अपनी सजाते रहे
कोशिशें पास जाने की जितना किया
दूर तुमने मुझे यार उतना किया
तेरी यादों का केवल सहारा मुझे
सोचता क्यूँ भला प्यार इतना किया
प्यार तुमसे किया और पागल हुआ
इक भटकता हुआ जैसे बादल हुआ
तेरी मुस्कान कायम सदा हो मगर
तेरी आँखों के आँसू से घायल हुआ
गीत जो भी लिखे हैं तुम्हारे लिए
उलझनें सब तुम्हारी हमारे लिए
तेरी आँखों के आंसू को पी ले सुमन
तुम हमारे लिए हम तुम्हारे लिए
याद करके तुम्हें मुस्कुराते रहे
तेरे सपने सभी मेरे अपने हुए
जिन्हें आँखों में अपनी सजाते रहे
कोशिशें पास जाने की जितना किया
दूर तुमने मुझे यार उतना किया
तेरी यादों का केवल सहारा मुझे
सोचता क्यूँ भला प्यार इतना किया
प्यार तुमसे किया और पागल हुआ
इक भटकता हुआ जैसे बादल हुआ
तेरी मुस्कान कायम सदा हो मगर
तेरी आँखों के आँसू से घायल हुआ
गीत जो भी लिखे हैं तुम्हारे लिए
उलझनें सब तुम्हारी हमारे लिए
तेरी आँखों के आंसू को पी ले सुमन
तुम हमारे लिए हम तुम्हारे लिए
5 comments:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 10 नवम्बबर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (10.11.2015) को "दीपों का त्योंहार "(चर्चा अंक-2156) पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ, सादर...!
बहुत सुन्दर गीत ..
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत खूब |
सुन्दर रचना ......
मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन की प्रतीक्षा है |
http://hindikavitamanch.blogspot.in/
http://kahaniyadilse.blogspot.in/
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