प्रियतम! कैसे प्रीत सिखाऊँ?
छाये बदरा बिनु पानी के नैनन नीर बहाऊँ।।
प्रीत में वाणी की क्या कीमत,
आँखें बोल बताती नीयत,
नैन बन्द हो गर प्रियतम का, किसको पीड़ सुनाऊँ?
प्रियतम! कैसे प्रीत सिखाऊँ?
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
प्रियतम! कैसे प्रीत सिखाऊँ?
छाये बदरा बिनु पानी के नैनन नीर बहाऊँ।।
प्रीत में वाणी की क्या कीमत,
आँखें बोल बताती नीयत,
नैन बन्द हो गर प्रियतम का, किसको पीड़ सुनाऊँ?
प्रियतम! कैसे प्रीत सिखाऊँ?
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
प्रियतम! कैसे प्रीत सिखाऊँ?
25 comments:
सुंदर गीत के लिए आभार
आदरणीय श्यामल सुमन जी
नमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
बहुत मधुर प्रेम गीत..बहुत सुन्दर
बहुत खूब !!
अद्भुत। बस कुछ और न कह पाऊँगा।
आँखें बोल बताती नीयत,
नैन बन्द हो गर प्रियतम का, किसको पीड़ सुनाऊँ?
अटूट प्रेम की व्याख्या
भुलाना भी चाहें भुला न सकेंगे
किसी और को दिल में ला न सकेंगे.....
श्यामल जी
चिरंजीव भवः
कैसे प्रियतम प्रीत सिखाऊँ?
छाये बदरा बिनु पानी के नैन से नीर बहाऊँ।।
सुंदर गीत की अद्भुत भाव
क्या बात है!!
बहुत सुन्दर...
गदगद कर दिया सुमन जी !
आपको हार्दिक नमन और बधाई इस उम्दा रचना के लिए.............
" सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ? "
आनंद आ गया सुमन जी ! हार्दिक शुभकामनायें !
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
उसकी है तन्हाई
मेरी ही जुदाई
हमे भले ही भूल जाना
पर वह रातें ना भूलाना
सुंदर..... कमाल की अभिव्यक्ति.....
बहुत सुन्दर गीत है। बधाई।
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
कैसे प्रियतम प्रीत सिखाऊँ?
घायल की गति घायल ही जाने
इश्क इतना नाजुक है
शब्दों के अर्थ पा नहीं सकती
मेरे मित्र इसको घटा नहीं सकती
क्या कहूँ...
अद्वितीय !!!!
आपके स्वर में जो सुना था,अभी भी कानों में गूँज रहे हैं शब्द और स्वर ...
माता सरस्वती की आपपर असीम कृपा है भाईजी ..यह ऐसी ही बनी रहे...
नैन बन्द हो गर प्रियतम का, किसको पीड़ सुनाऊँ?
कैसे प्रियतम प्रीत सिखाऊँ
इक शाम की तनहाईयाँ
ऐसे में तेरा गम
कविता गीत बार बार पढ़ी
आँखें अश्रुयों से भर गई
जिसे हद से प्यार करो
वो क़दर नई करता
प्यार की क़दर उससे जानो
जिसे कोई प्यार नई करता
आप सबके स्नेह और समर्थन के प्रति विनम्र आभार।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
superb !! I m loving it :-))
बहुत भावपूर्ण रचना |बधाई
आशा
आपकी पोस्ट यहाँ भी है……नयी-पुरानी हलचल
http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
कैसे प्रियतम प्रीत सिखाऊँ
बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.
सादर
मन की व्यथा कहती हुई सुंदर रचना .
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
सोचे घायल हृदय सुमन का किसपर तीर चलाऊँ?
सच है ..यही कारण है की प्रीत भी मर जाती है ..
मीठे पल जीवन में आते,
जो नादानी से खो जाते,
बहुत सुंदर पंक्तियां....
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