जीवन से तो मोह बहुत पर फीका है संसार कभी
लगते हैं कुछ दिन फीके तो आते फिर त्योहार कभी
सूरज आस जगाने आता और चाँदनी मुस्काती
पल कुछ ऐसे भी मिलते जब बढ़ जाता है प्यार कभी
जिसने प्यार किया जीवन से ऊँचाई उनको मिलती
अक्सर जिनको हम ठुकराते बन जाते आधार कभी
जीवन की उलझी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में
प्यार उपजते हैं दिल में पर होती है तकरार कभी
सुमन देवता के सिर चढ़ते मगर आज कुचले जाते
ये भी सच कि बन जाते वो कामिनी के श्रृंगार कभी
लगते हैं कुछ दिन फीके तो आते फिर त्योहार कभी
सूरज आस जगाने आता और चाँदनी मुस्काती
पल कुछ ऐसे भी मिलते जब बढ़ जाता है प्यार कभी
जिसने प्यार किया जीवन से ऊँचाई उनको मिलती
अक्सर जिनको हम ठुकराते बन जाते आधार कभी
जीवन की उलझी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में
प्यार उपजते हैं दिल में पर होती है तकरार कभी
सुमन देवता के सिर चढ़ते मगर आज कुचले जाते
ये भी सच कि बन जाते वो कामिनी के श्रृंगार कभी
5 comments:
जीवन से तो मोह बहुत पर फीका है संसार कभी
लगते हैं कुछ दिन फीके तो आ जाते त्योहार कभी
ekdam sahi kaha shymal ji
shyamal
आशीर्वाद
जीवन की उलझी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में
जीवन से तो मोह बहुत पर फीका है संसार कभी
लिखते रहे,लेखनी की स्याही सूखने ना पाए कभी
वाह
यही कभी कभी के अमृत अंश जीवन को रसमय बनाये रहते हैं।
सुमन देवता के सिर चढ़ते मगर आज कुचले जाते
ये भी सच कि बन जाते वो कामिनी के श्रृंगार कभी
समय सबसे वलवान .देता कभी मान तो कभी अपमान
latest post नसीहत
Post a Comment