अपने जैसा मुझे बना ले
पानी हूँ मुझको अपना ले
दुनिया सजती अपनेपन से
रूठे अपने, उसे मना ले
हीरे, मोती भी पत्थर हैं
सदा प्यार का तू गहना ले
इक अनाज ही चुनना हो तो
छोड़ सभी तू सिर्फ चना ले
देख कसाई कैसे खुद को
राम नाम चोला पहना ले
हार मिलेगा, सीख हार से
वही हार उपहार बना ले
लिखना है तो पढ़ो सुमन तू
दूजे की अच्छी रचना ले
पानी हूँ मुझको अपना ले
दुनिया सजती अपनेपन से
रूठे अपने, उसे मना ले
हीरे, मोती भी पत्थर हैं
सदा प्यार का तू गहना ले
इक अनाज ही चुनना हो तो
छोड़ सभी तू सिर्फ चना ले
देख कसाई कैसे खुद को
राम नाम चोला पहना ले
हार मिलेगा, सीख हार से
वही हार उपहार बना ले
लिखना है तो पढ़ो सुमन तू
दूजे की अच्छी रचना ले
4 comments:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस - सुमित्रानंदन पंत और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
बहुत बढिया पोस्ट, कैसन हो सुमन जी। :)
जानिए क्या है बस्तर का सल्फ़ी लंदा
वाह ! सुंदर !
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (22-05-2017) को "आम और लीची का उदगम" (चर्चा अंक-2978) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Post a Comment