इधर चुनावी गरमी से ये मौसम कितना गरम हुआ
भाषण में बड़बोलापन है नेता भी बेशरम हुआ
नहीं जरूरत बतलाने की जनहित में क्या काम किया
गरियाना प्रतिद्वंदी को बस लगता उनका धरम हुआ
सात दशक में आजादी क्या पहुँची गाँव तलक यारो
मिलके तंत्र विफल करते और यहाँ कुशासन चरम हुआ
हर मजहब के साथ साथ हम जीते आए सदियों से
फूट डालकर सत्ता पाना इनका पहला करम हुआ
हमें सोचना होगा ऐसा अबतक भला हुआ है क्यूँ
लोक जागरण धरम सुमन का और करम ये परम हुआ
भाषण में बड़बोलापन है नेता भी बेशरम हुआ
नहीं जरूरत बतलाने की जनहित में क्या काम किया
गरियाना प्रतिद्वंदी को बस लगता उनका धरम हुआ
सात दशक में आजादी क्या पहुँची गाँव तलक यारो
मिलके तंत्र विफल करते और यहाँ कुशासन चरम हुआ
हर मजहब के साथ साथ हम जीते आए सदियों से
फूट डालकर सत्ता पाना इनका पहला करम हुआ
हमें सोचना होगा ऐसा अबतक भला हुआ है क्यूँ
लोक जागरण धरम सुमन का और करम ये परम हुआ
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