मेरे दिल पर राज करो
काज आज का आज करो
यूँ बतियाना आँखों से
बिन बोले आवाज करो
जिसको कोई काम नहीं
समझ उसे आराम नहीं
राम नाम तो जपते पर
कुछ के दिल में राम नहीं
जीने खातिर धंधा दो
मजदूरी नित बंधा दो
जब रोटी को जन तरसे
रोने को फिर कंधा दो
रोटी दोनों वक्त मिले
कोमल चाहे सख्त मिले
अधिकारी जो सेवक हैं
अक्सर वो कमबख़्त मिले
जो होता है, होने दो
बीज नया तू बोने दो
खोना-पाना रोज सुमन
सोना छोड़ो, सोने दो
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