देखो, उनकी शान आजकल
पर फीकी मुस्कान आजकल
आस पास में सभी सयाने
बता, कौन नादान आजकल
जिसने झूठी अकड़ दिखायी
उठा रहे नुकसान आजकल
घर के मुखिया अक्सर लागे
अपने घर मेहमान आजकल
सज्जनता की खाल ओढ़कर
घूम रहे शैतान आजकल
घर में रहकर घरवालों से
घरवाले अनजान आजकल
टूटे फ़ूटे बोल सुमन के
खींचे सबका ध्यान आजकल
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