आज धूप कल बादल आया
नहीं जिन्दगी का हल आया
अपनों से जब मिला भरोसा
जीवन में नूतन बल आया
मिले भले या बिछुड़े अपने
आँखों में गंगाजल आया
दिल से प्यार हुआ जिससे वो
बंद आँख में पल पल आया
समझे थे आसान जिन्दगी
पर रस्ते में दलदल आया
बाहर जब ओढ़ा खामोशी
भीतर में कोलाहल आया
चोट लगे पर मत घबराना
पीकर छाछ सुमन जल आया
नहीं जिन्दगी का हल आया
अपनों से जब मिला भरोसा
जीवन में नूतन बल आया
मिले भले या बिछुड़े अपने
आँखों में गंगाजल आया
दिल से प्यार हुआ जिससे वो
बंद आँख में पल पल आया
समझे थे आसान जिन्दगी
पर रस्ते में दलदल आया
बाहर जब ओढ़ा खामोशी
भीतर में कोलाहल आया
चोट लगे पर मत घबराना
पीकर छाछ सुमन जल आया
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