Sunday, June 9, 2019

क्या धमनी में खून नहीं है?

मिलता उसे सुकून नहीं है
तन जिसके पतलून नहीं है

रोज पसीना बहा रहा जो
रोटी भी दो जून नहीं है

लोग करोड़ों ऐसे जिसके
घर में कुछ परचून नहीं है

हो जाए रोटी जुगाड़ फिर
ऐसा देखा नून नहीं है

अपराधी स्वच्छन्द घूमते
क्या उस पर कानून नहीं है

कोई हलचल नहीं लोग में
क्या धमनी में खून नहीं है

देश हमारा, हक दे हमको
यार सुमन पख्तून नहीं है 

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