बात यकीनन ये बेशक है
इस माटी पर सबका हक है
हम सब साथ रहे सदियों से
आपस में फिर क्यों बकझक है
जब हम लड़ते फिर तब देखो
राजनीति में क्या रौनक है
हम भी हैं इन्सां, जीने दो
इसमें भी क्या कोई शक है
जय श्री राम सहारा पहले
अब सुनते दिल में धकधक है
धरम नाम पर उन्मादी जो
ऐसा देश चला कब तक है
सुमन बचा ले मानवता को
फिर सबकी दुनिया चकचक है
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