Saturday, June 29, 2019

रुकना मुश्किल पाँव मुसाफिर

कभी  शहर या  गाँव मुसाफिर
रुकना मुश्किल पाँव मुसाफिर
आगे   भी   चलना   तो   खोजो
रुकने  खातिर  ठाँव  मुसाफिर

          चाहे  जितने   मोड़   मुसाफिर
          गाँव शहर को जोड़  मुसाफिर
          देश    और    मजबूत    बनेगा
          मुश्किल इसका तोड़ मुसाफिर

बदले काल-प्रभाव मुसाफिर
पूरन कहीं अभाव मुसाफिर
किसी हाल में कभी न बदले
आपस का सद्भाव मुसाफिर

          सुख सुविधा कमजोर मुसाफिर
          गाँव  प्यार  की  डोर  मुसाफिर
          कोलाहल   से    दूर   गाँव   पर
          इधर  शहर  में  शोर  मुसाफिर

कुछ गड़बड़ कुछ ठाँव मुसाफिर
चलते   छलिया   दाँव   मुसाफिर
मगर  अधिक  गाँवों  में  अब भी
मिले  दिलों  को  छाँव मुसाफिर

          सीधे - साधे  लोग  मुसाफिर
          ना ठगने  का रोग मुसाफिर
          यज्ञ किसी का अगर गाँव में
          करे लोग  सहयोग मुसाफिर

उपले  के  हैं  चित्र  मुसाफिर
है  दीवार  विचित्र   मुसाफिर
मगर  सुमन  मिलते  गाँवों में
सबके सब हैं मित्र मुसाफिर

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