कौन किसकी सुनता, किसे सुनाऊँ?
अपनी समस्या लेकर कहाँ कहाँ जाऊँ?
थाना गया, ब्लाक गया, सबका वही हाल है।
जिला प्रशासन की हालत तो और बदहाल है।
मंत्री के पास जाने का आता जब खयाल है।
जानते सभी उनके भी चारों तरफ घूमे दलाल है।
और आगे जाने के लिए पैसा कहाँ से लाऊँ?
अपनी समस्या लेकर कहाँ कहाँ जाऊँ?
दिल्ली के शासन पर आस्था गहरी है।
पर सभी कहते कि सत्ता सालों से बहरी है।
कोर्ट का खयाल आया, वहाँ और धंधा है।
शुरू से यही सुना सुमन कि कानून अंधा है।
जी करता लोगों को घर घर समझाऊँ।
अपनी समस्या को ऐसे सुलझाऊँ।
अपनी समस्या लेकर कहाँ कहाँ जाऊँ?
थाना गया, ब्लाक गया, सबका वही हाल है।
जिला प्रशासन की हालत तो और बदहाल है।
मंत्री के पास जाने का आता जब खयाल है।
जानते सभी उनके भी चारों तरफ घूमे दलाल है।
और आगे जाने के लिए पैसा कहाँ से लाऊँ?
अपनी समस्या लेकर कहाँ कहाँ जाऊँ?
दिल्ली के शासन पर आस्था गहरी है।
पर सभी कहते कि सत्ता सालों से बहरी है।
कोर्ट का खयाल आया, वहाँ और धंधा है।
शुरू से यही सुना सुमन कि कानून अंधा है।
जी करता लोगों को घर घर समझाऊँ।
अपनी समस्या को ऐसे सुलझाऊँ।
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