हम सबके जीवन का यारों,
परिवर्तन से नाता है।
कल तो आता कभी नहीं पर,
आज कभी क्या जाता है??
बीते कल से सीख सीखकर,
खुद को सभी बढ़ाते हैं।
फिर दूजे को उसी सीख से,
लोग गलत ठहराते हैं।
जो हम करते, वही सही है,
तर्क हमेशा गढ़ना क्यों?
दिखा रहे पूर्वज की गलती,
दोष उन्हीं पर मढ़ना क्यों??
कबतक आमजनों को प्यारे,
या खुद को भरमाओगे?
आमलोग जाने हैं सब कुछ,
कल सचमुच पछताओगे।
अलख जगाते कलमकार ही,
इसीलिए यह काम लिया।
बेहतर से बेहतर समाज हित,
कलम सुमन ने थाम लिया।
1 comment:
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 16/08/2019 की बुलेटिन, "प्रथम पुण्यतिथि पर परम आदरणीय स्व॰ अटल बिहारी वाजपाई जी को नमन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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