Friday, August 16, 2019

भाषा अब छोड़ो सुल्तानी

रख जीवन में सदा रवानी
मगर नहीं करना मनमानी

सबके सँग जीना ही जीना
जहर गमों का हँसकर पीना
आपस में हम रहते कैसे
छोड़ चलें वह प्रेम निशानी
रख जीवन में -------

कौन बड़ा या कौन है छोटा
नहीं समझना किसी को खोटा
सबको मान बराबर दे कर
गढ़ो प्रीत की नयी कहानी
रख जीवन में -------

नफरत किससे प्यार करोगे?
रिश्तों का व्यापार करोगे?
जहाँ मुहब्बत वहीं जिन्दगी
बिना प्रेम जीते अज्ञानी
रख जीवन में -------

करो सामना, मत डर भागो
लोग जगेंगे, तुम तो जागो
जीत प्यार की सुमन सदा है
भाषा अब छोड़ो सुल्तानी
रख जीवन में -------

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