साधो! बनियो मत नादान।
सभी मीडिया बाँट रहे हैं अब सरकारी ज्ञान।।
साधो! बनियो -----
तुम दिखलाते हिन्दू मुस्लिम, हम खोजें इनसान।
बेबस चेहरों पर दिखलाते प्रयोजित मुस्कान।।
साधो! बनियो -----
क्या सच्चाई देश के भीतर, आमलोग अनजान।
पेट सभी के भरनेवाले, भूखे मरे किसान।।
साधो! बनियो -----
क्या तेरा कर्तव्य मीडिया, कैसी छेड़ी तान।
सुन सुन सत्ता-गान हमेशा, पके सुमन के कान।।
साधो! बनियो -----
No comments:
Post a Comment