हमारा यूँ है अपनापन सभी सबकी खता जाने
नहीं जाने तो ये केवल है उसकी क्या रजा जाने
मुहब्बत के ही रस्ते से अदावत नित गुजरती है
वगरना हर अदावत की मुहब्बत क्यूँ दवा जाने
अदब के नाम बचपन से जिसे हथियार देते हम
वही अब है जवानी में जो देना बस सजा जाने
नहीं दुनिया हमहीं तक है नयी पीढ़ी भी आएगी
करो कुछ काम ऐसा कि नयी पीढ़ी नया जाने
नहीं कुछ भी सुमन बाहर जमाने में मुहब्बत के
मुहब्बत बस बचाना है मुहब्बत को खुदा जाने
नहीं जाने तो ये केवल है उसकी क्या रजा जाने
मुहब्बत के ही रस्ते से अदावत नित गुजरती है
वगरना हर अदावत की मुहब्बत क्यूँ दवा जाने
अदब के नाम बचपन से जिसे हथियार देते हम
वही अब है जवानी में जो देना बस सजा जाने
नहीं दुनिया हमहीं तक है नयी पीढ़ी भी आएगी
करो कुछ काम ऐसा कि नयी पीढ़ी नया जाने
नहीं कुछ भी सुमन बाहर जमाने में मुहब्बत के
मुहब्बत बस बचाना है मुहब्बत को खुदा जाने
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