हम बैठे हैं आँख बिछाए आओ माँ
महिषासुर है घात लगाए आओ माँ
युग बदला तो बदला आज मुखौटा भी
रक्तबीज है खुद को छुपाए आओ माँ
मधुकैटभ नेतृत्व करे अब भीड़ों का
हत्या करके न्याय सिखाए आओ माँ
टोल, मुहल्ला भर गए शुम्भ, निशुम्भों से
कैसे बिटिया लाज बचाए आओ माँ
बहुत जरूरत आओ चमन बचाने को
सुमन यहाँ पर शीश झुकाए आओ माँ
महिषासुर है घात लगाए आओ माँ
युग बदला तो बदला आज मुखौटा भी
रक्तबीज है खुद को छुपाए आओ माँ
मधुकैटभ नेतृत्व करे अब भीड़ों का
हत्या करके न्याय सिखाए आओ माँ
टोल, मुहल्ला भर गए शुम्भ, निशुम्भों से
कैसे बिटिया लाज बचाए आओ माँ
बहुत जरूरत आओ चमन बचाने को
सुमन यहाँ पर शीश झुकाए आओ माँ
No comments:
Post a Comment