Saturday, February 22, 2020

अबकी बार वसंत खास है

अबकी  बार वसंत खास है
फूल, पत्तियाँ तक उदास है

दीवारों   में   कैद  बस्तियाँ 
शासन  का सुन्दर प्रयास है

छोटी   होती  हर  दिन  रोटी
साथ सभी के यह विकास है

पस्त  प्रजा  की ऑंखें vसूनी 
शासक  के  घर  सदा रास है

भूली  जनता  अपनी ताकत
अवतारों  पर  लगी  आस है

मत  भूलो  ये  जहाँ  अँधेरा 
वहीं  नया  होता  उजास  है

प्रेमगीत लिखना मुश्किल जब
दिखे सुमन दुख आस पास है

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