तुम तो जन के प्यारे साहिब
जन को करे किनारे साहिब
चीख सुनो तुम खामोशी की
जनता तुझे पुकारे साहिब
सभी मीडिया, तंत्र तुम्हारे
तेरे वारे न्यारे साहिब
भरम तुझे है तुम ही जन के
हो आंखों के तारे साहिब
अजर अमर तुम ये मत समझो
जन तेरे हरकारे साहिब
सोच समझकर कदम उठाओ
डूबे नहीं सितारे साहिब
ले मशाल अब चला सुमन है
जहां जहां अंधियारे साहिब
जन को करे किनारे साहिब
चीख सुनो तुम खामोशी की
जनता तुझे पुकारे साहिब
सभी मीडिया, तंत्र तुम्हारे
तेरे वारे न्यारे साहिब
भरम तुझे है तुम ही जन के
हो आंखों के तारे साहिब
अजर अमर तुम ये मत समझो
जन तेरे हरकारे साहिब
सोच समझकर कदम उठाओ
डूबे नहीं सितारे साहिब
ले मशाल अब चला सुमन है
जहां जहां अंधियारे साहिब
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