Friday, May 28, 2021

यही सोच जीने जैसा है

जिसकी खातिर सब पैसा है
वो  क्या  जाने  जग कैसा है

दुनिया में मौजूद सभी कुछ 
मिलता  जैसे  को  तैसा  है 

प्यार जरूरत  सबकी होती
जीत जगत को जब ऐसा है

सब  अच्छे  हैं  एक  बुरा मैं
यही   सोच  जीने  जैसा  है

कहने वाले  कहते  अक्सर 
सुमन नहीं बिल्कुल वैसा है

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