आप खुद सरकार हैं, अपनी दुहाई कीजिए
लोग पूछे प्रश्न तो, उसकी बुराई कीजिए
आपका ही मीडिया, सारे प्रशासन आपके
और उस जरिये से अपनी, ही बड़ाई कीजिए
ठीक से शासन किया कब, आपसे पहले कोई
आप तो अवतार हैं, बस रहनुमाई कीजिए
मिल गई रोटी तो समझो, बच गए भगवान भी
भूख को हर दिन मिटाने, की लड़ाई कीजिए
मौत निश्चित एक दिन पर, मोल गंगा - लाभ का
दफ्न लाशों के कफन की, फिर खिंचाई कीजिए
तख्त पर हैं आप जब तक, क्या बिगाड़ेगा कोई
अपने ही कुनबे की खुल के, नित भलाई कीजिए
साफ सुथरा आईना इक, सामने रक्खा सुमन
अपनी सूरत देखिए या, जग - हँसाई कीजिए
1 comment:
बहुत खूब
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