जो करता नुक्सान हमारा
साथी वह, ईमान हमारा
भौतिकता के आकर्षण से
रोके हरदम ज्ञान हमारा
क्या क्या कौन कहाँ करता है
रहता सब पे ध्यान हमारा
कोशिश रहती काम के दम हो
पथ पर खास निशान हमारा
अहंकार या क्रोध की भाषा
दिखलाता अज्ञान हमारा
सच उतना जो आँखन देखी
या सुनता जो कान हमारा
साथ सुमन के खुद को परखो
किस रस्ते उत्थान हमारा
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