जीने की हिम्मत मिलती
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साथ वही रह पाते जिनकी, आपस में फितरत मिलती
जग में सबके कुछ अपने हैं, अपनों से ताकत मिलती
समझौते आपस में करके, बसा सके परिवार कोई
जहाँ पे अनबन होती लेकिन, उनसे ही इज्जत मिलती
कभी कभी परिजन में संभव, हमें बुराई दिख जाए
पर अपनों में बुरी से ज्यादा, अच्छी भी आदत मिलती
सीख पड़ोसी हैं अच्छे तो, कर तुलना मत अपनों से
बिखरे वो परिवार जहाँ पे, खोट भरी नीयत मिलती
सबकी क्षमता होती अपनी, सोच समझ भी अलग अलग
इसे वक्त पे जो पहचाने, उनको ही शोहरत मिलती
प्रेम - समर्पण अगर परस्पर, आपस में विश्वास बढ़े
फर्क नहीं पड़ता कोई तब, दौलत या गुरबत मिलती
सुख - दुख आते जाते हैं पर, बदनीयत से दूर सुमन
प्यार आपसी बढ़ता फिर से, जीने की हिम्मत मिलती
सादर
श्यामल सुमन
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