युद्ध और क्रांति में फर्क है।
कुछ वैसा ही फर्क जैसे,
माॅब लिंचिंग और आन्दोलन में।
युद्ध विनाश-यात्रा है,
तो आन्दोलन विकास-यात्रा।
मानवीय सभ्यता की शुरुआत से,
सामाजिक हो या सांस्कृतिक,
वैज्ञानिक हो या शैक्षणिक,
हमारे विकास की जो भी कहानी है,
वह कहीं न कहीं, किसी न किसी,
आन्दोलन की फर्द बयानी है।
इसीलिए मैं दुनिया भर में,
आपसी मुहब्बत और विकास के लिए,
खड़ा हूँ आन्दोलन के पक्ष में,
और हर नफरती हवा के विपक्ष में।
मुझे फख्र है कि मैं आन्दोलन-जीवी हूँ,
नफरत-जीवी नहीं।
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