बात करे हो गुप चुप साहिब
बेच रहे हो सब कुछ साहिब
"बुरे दिनों" में अब "अच्छे दिन"
कर ले जनहित कुछ कुछ साहिब
पाकिस्तानी पर चिल्लाते
मगर चीन पे चुप चुप साहिब
धार तेल की यूँ दिखलाया
जनता रोती छुप छुप साहिब
बन्द सैकड़ों रेलगाड़ियाँ
अब चलने दो छुक छुक साहिब
आतंकी कहते किसान को
सोच हुई क्या लुच पुच साहिब
सुमन समर्थक को समझाओ
जो करते हैं फुच फुच साहिब
No comments:
Post a Comment