हर दिन अपनी यार सगाई होती है
खुद से खुद की रोज लड़ाई होती है
वक्त हमेशा है सबसे अच्छा शिक्षक
पढ़ो ठीक से पाठ, भलाई होती है
याद कहाँ रख पाती दुनिया धन दौलत
जो करते हम, असल कमाई होती है
क्यूँ जिद सबको मनवा लें अपनी बातें
छुप - छुप करके, रोज ढिठाई होती है
इनके, उनके शब्द चुराकर ले आए
कैसी कैसी आज लिखाई होती है
बाजारों की भाषा जो भी समझ लिया
उनके हाथों यार मिठाई होती है
देख आईना में खुद को कुछ कहने पर
सुमन माथ की रोज धुनाई होती है
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